रविवार, 15 जुलाई 2012

एक अमरीकी का हिंदी प्रेम


अमेरिका में हिन्दी के लिए प्रयासरत है युवा हिन्दी प्रेमी एडलर


"अमेरिका के मोंटाना विश्वविद्यालय में पढ़ रहे एक अमेरिकी विद्यार्थी ने अपने विश्वविद्यालय में हिन्दी की कक्षा शुरू करवाने का बीडा उठाया है. राजनीति विज्ञान के इस विद्यार्थी ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से वहाँ हिन्दी सीखने के इच्छुक विद्यार्थियों का एक समूह भी बना लिया.अमेरिका के इस युवा हिन्दी प्रेमी को उम्मीद है कि निकट भविष्य में उसका ये सपना ज़रूर साकार होगा. "

हम अंग्रेजी भाषी है और कभी-कभार हिन्दी में बोलते है मगर अब हम हिन्दी भाषी होकर कभी-कभार अंग्रेजी बोलने वाले बनना चाहते है. हिन्दी के प्रति दीवानगी की हद तक जाकर कही गई ये बात किसी भारतीय ने नहीं बल्कि एक ठेठ अमेरिकन ने कही है. हिन्दी के प्रति समर्पित इस अमेरिकी युवा का नाम जूलियन एडलर है.अपने हिन्दी प्रेम के कारण जूलियन अपने दोस्तों के बीच हिन्दी प्रेमी के नाम से जाने जाते है.
अमेरिका के मोंटाना विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी जूलियन ने अपने विश्वविद्यालय में हिन्दी सीखने के इच्छुक विद्यार्थियों का एक समूह बना लिया है. इस समूह में फिलहाल एडलर सहित कुल सात विद्यार्थी है.उसे यकीन  है कि जल्दी ही इस समूह में इतने विद्यार्थी हो जाएंगे कि अगले सत्र से इसे विश्व-विद्यालय के छात्र समूहों की सूची में जोड़ लिया जाए. एडलर को ये भी उम्मीद है कि निकट भविष्य में यहाँ दूसरी कुछ विदेशी भाषाओं की तरह हिन्दी की कक्षाएं भी शुरू हो सकेंगी.ये तो भविष्य की बात है मगर वर्त्तमान में विश्वविद्यालय में अरबी के प्राध्यापक समीर बितार ने इन लोगों को हिन्दी पढाने के लिए एक हिन्दी शिक्षक की व्यावस्था कर दी है.
एडलर का हिन्दी के प्रति लगाव मोंटाना विश्वविद्यालय में भी चर्चा का विषय बन गया है.विश्वविद्यालय के ऑनलाइन न्यूज़ पेपर ने एडलर के हिन्दी समूह की कहानी अपने मुख्य संस्करण में प्रकाशित कर इसकी सराहना की है.पूरे विश्व में हिन्दी के प्रति लोगों की रूचि भी बढ़ रही है और हिन्दी के प्रति सम्मान भी अब ज़रूरत इस बात की है कि हिन्दी भाषी लोगों के मन में भी अपनी भाषा के प्रति सम्मान का भाव जगे. जिस दिन हिन्दी भाषी समाज अपनी मातृभाषा को यथोचित सम्मान देने लगेगा उस दिन से हिन्दी विश्वभाषा के रूप में स्थापित

गूगल हिंदी होम पेज से साभार